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भगवान कौन है ?
भगवान कौन है?? भगवान वह है जिनके कारण हमारा अस्तित्व है, जिनके कारण हमें यह जीवन प्राप्त हुआ है।
भ – अर्थात् भूमी
ग – अर्थात् गगन(आकाश)
व – अर्थात् वायु
आ – अर्थात् आग(अग्नि)
न – अर्थात् नीर(जल)
यह मनुष्य शरीर इन्हीं ५ तत्वों से मिलकर बना है। यही ५ तत्वों के कारण हमारा अस्तित्व है और यही हमारे जीवनदाता भगवान है।
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श्वेतार्क गणेश ( सफ़ेद आंकड़े के गणेशजी )
श्वेतार्क गणपति की पूजा से शीघ्र ही पूरी होती है मनोकामना, जानें इसकी पूजन विधि और उपायरिद्धि-सिद्धि के दाता गणपति के विभिन्न स्वरूपों और विभिन्न चीजों से बनी प्रतिमा का अपना एक अलग महत्व है। श्वेतार्क गणपति की प्रतिमा की…
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कैसे बना शिव तांडव स्त्रोत
कुबेर व रावण दोनों ऋषि विश्रवा की संतान थे और दोनों सौतेले भाई थे। ऋषि विश्रवा ने सोने की लंका का राज्य कुबेर को दिया था लेकिन किसी कारणवश अपने पिता के कहने पर वे लंका का त्याग कर हिमाचल…
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*** दान – दक्षिणा श्रेष्ठ पुण्यकर्म **
आचरण (10 ) दक्षिणा - दान ( दान का अर्थ होता है देना ) " ज्ञान गुरु से लीजिये शीश का कीजिये दान बहुतक भोंदू बहिगये रखी जीव अभिमान " संत कबीरजी के इस दोहा का मतलब है गुरु…
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ईश्वर की तीन विशेष रचनाएँ
🌸🌸ॐ नमो नारायणाय 🌸🌸ईश्वर ने सृष्टि की रचना करते समय तीन विशेष रचनाएँ की अनाज में कीड़े पैदा कर दिए, वरना लोग इसका सोने और चाँदी की तरह संग्रह करते।मृत्यु के बाद देह (शरीर) में दुर्गन्ध उत्पन्न कर दी, वरना…
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सनातन हिन्दू धर्म की आचरण संहिता ।
हिन्दू धर्म में आचरण के सख्त नियम हैं जिनका उसके अनुयायी को प्रतिदिन जीवन में पालन करना चाहिए। इस आचरण संहिता में मुख्यत: दस प्रतिबंध हैं और दस नियम हैं। यह सनातन हिन्दू धर्म का नैतिक अनुशासन है। इसका पालन…
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हनुमान जी का दिव्य शाबर मन्त्र ।
(इस मंत्र द्वारा जातक पर किये गए सभी अभिचार~प्रयोग, किया~कराया, भेजा~भेजाया, खिलाया~पिलाया, लगा~लगाया सब समाप्त होते हैं।)लगा~लगाया अर्थात भूत~प्रेत बाधा से है किसी भी प्रकार की ऊपरी शक्तियों की बाधा को यह उसी प्रकार उडा देता है जिस प्रकार आंधी…
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भगवान श्री गुरु दत्तात्रय मंत्र
मालाकमंडलुरधः करपद्मयुग्मे, मध्यस्थ पाणियुगुले डमरूत्रिशूलेयस्यस्त उर्ध्वकरयोः शुभशंखचक्रे वंदे तमत्रिवरदं भुजषटकयुक्तमॐ नमो भगवते दत्तात्रेयाय स्मरण मात्र सन्तुष्टाय |ॐ गुरु दत्ता नमो नमः|ॐ आं ह्रीं क्रों एहि दत्तात्रेयाय स्वाहा |ॐ ऐं क्रों क्लीं क्लूं ह्रां ह्रीं ह्रूं सौः दत्तात्रेयाय स्वाहादत्तात्रेय हरे कृष्ण…
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Kaun hai Shiv कौन है शिव ?
कौन है शिव ? क्या है शिव नाम का अर्थ ?शिव का अर्थ है - जीवन शव - याने मृत शरीर बिना ऊर्जा वाला िव, इ ( इव ) याने शक्ति, ऊर्जा, आत्मा या प्रकृतिशव + इव = शिव होता है याने शरीर…
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ॐ श्री गणेशाय नमः।। Om shree ganeshaay namah. किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले क्यों लिखा या बोला जाता है ?
किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत भगवान को याद करके की जाती है। काम में बाधा ना आए इसके लिए पूजा, आराधना, अनुष्ठान किया जाता है। इसलिये पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश को पूजा जाता है। पंडित किसी भी…
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