Bhoj Patra भोज पत्र Abhimantrit

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भोजपत्र का प्राचीनकाल से ही बहुत ही महत्व रहा है। ऋषि मुनियों ने प्राचीन काल में जब कागज की खोज नहीं हुई थी तब ग्रंथों की रचना भोजपत्र पर की थी, जो आज भी हमारे संग्रहालयों में मौजूद है।

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भोजपत्र का प्राचीनकाल से ही बहुत ही महत्व रहा है। ऋषि मुनियों ने प्राचीन काल में जब कागज की खोज नहीं हुई थी तब ग्रंथों की रचना भोजपत्र पर की थी, जो आज भी हमारे संग्रहालयों में मौजूद है। भोजपत्र, हमारी सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा हैं। प्राचीन संस्कृति की धारा लंबे समय तक इन भोजपत्रों के कारण ही आगे तक प्रवाहित होती रही। भोजपत्र को शैक्षणिक ही नहीं तांत्रिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण माना जाता है। भोजपत्र का वशीकरण के लिए भी प्रयोग किया जाता है। स्त्री या पुरुष के वशीकरण के लिए अगर विभिन्न वैदिक या शाबर मंत्रों के जाप और टोने-टोटके उपयोगी होते हैं, तो विविध उपायों के अनुरूप बनाए गए यंत्र की पूजा से भी मनोवांछित परिणाम मिलते हैं। भोजपत्र पर मंत्र को लिखकर तैयार किए गए यंत्र से प्रभावी वशीकरण होता है। इसके अतिरिक्त धार्मिक आस्था के अनुसार भोजपत्र पर देवी लक्ष्मी, भैरवी, काली, कामाख्या, मोहिनी आदि के वशीकरण या सम्मोहन के मंत्र लिखकर सिद्ध करने व उसे धारण करने से वांछित फल की प्राप्ति होती है। तंत्र बज़ार द्वारा अखंडित भोजपत्र प्राप्त करे।

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Dimensions

1.5 × 2.5 × 1.5 cm

विशेष

यह सूत्र कई दुर्लभ सामग्रियों द्वारा तैयार कर विशेष मन्त्रों द्वारा व्यक्ति विशेष के नाम एवं कार्य विषय से अभिमंत्रित कर दी जाती हैं। यह केवल हमारी संस्था के पास ही उपलब्ध हैं और इसकी विधि पूर्णतः गोपनीय रहती हैं केवल उपयोग करने वाले व्यक्ति को ही दी या बताई जाती हैं।

प्रेषण अवधि

किसी भी सामग्री को अभिमंत्रित करने में 2 दिन का समय लग सकता है, इस वजह से सामग्री आर्डर प्राप्ति से 2 दिन बाद याने तीसरे दिन कोरियर द्वारा भेजी जाएगी एवं उसकी सुचना कोरियर रसीद के साथ आपको मेसेज, व्हाट्सएप्प या कॉल पर देदी जाएगी ।

सामग्री हेतु अस्वीकरण अनुरोध

हमारी तरफ से सामग्रियाँ पूर्णतः शुद्ध और ऊर्जान्वित ( अभिमंत्रित ) करके दी जाती है, उनका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदउपयोग पर निर्भर करता है। 100 में से 99 लोगो को इसका अच्छा परिणाम मिलता है, अपितु किसी 1 को नहीं भी मिल पाता, व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना से इसका उपयोग करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य, एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान की मर्जी किसी काम में नहीं रहती, तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता । हमारी तरफ से सामग्री को ऊर्जान्वित करने में कोई कमी नहीं रहती, व इसका सकारात्मक परिणाम मिलना ना मिलना ये भगवान के हाथ में है, हम केवल भगवान के सेवक मात्र है स्वयं भगवान नहीं, कर्म करना हमारा काम है फल देना भगवान के हाथ में है, कोई भी सामग्री या वस्तु केवल आपकी सहायता मात्र है पूर्णतः सामग्रियों और उपायों के अधीन ना रहें, धन्यवाद।

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