Panna Ganesh Locket पन्ना गणेश लाकेट Abhimantrit

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पन्ना धातु एवं उपरत्न में तराशे हुवे गणेशजी पंच धातु में लॉकेट के आकार में बनाए गए एवं श्री गणेशजी के मंत्रों से शुभ नक्षत्र में अभिमंत्रित किए गए।
सफल उन्नति , व्यापार सफलता, धन वृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा में प्रवाह हेतु व्यक्ति के नाम से अभिमंत्रित करके दिया जाता है, आप अपने नाम से ऑर्डर करके इसका लाभ ले सकते है

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पन्ना धातु एवं उपरत्न में तराशे हुवे गणेशजी पंच धातु में लॉकेट के आकार में बनाए गए एवं श्री गणेशजी के मंत्रों से शुभ नक्षत्र में अभिमंत्रित किए गए।
सफल उन्नति , व्यापार सफलता, धन वृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा में प्रवाह हेतु व्यक्ति के नाम से अभिमंत्रित करके दिया जाता है, आप अपने नाम से ऑर्डर करके इसका लाभ ले सकते है

किसी भी शुभ कार्य या पूजन से पहले आखिर क्यों की जाती है सबसे पहले गणेश जी की पूजा
जानिये, आख‍िर क्यों की जाती है सभी देवी-देवताओं से पहले गणपति की पूजा…
अधिकतर लोग किसी शुभ काम को शुरू करने से पहले संकल्प करते हैं और गणेश जी को याद करते हैं. कुछ लोग शुभारंभ करते समय सर्वप्रथम श्रीगणेशाय नम: लिखते हैं. इसके अलावा यह रिवाज भी है कि सभी देवी-देवताओं से पहले श्री गणेश की पूजा की जाती है. इस रिवाज के बारे में तो अधिकतर लोग जानते हैं, लेकिन ये बहुत कम लोग जानते हैं कि सबसे पहले गणेशजी की ही पूजा क्यों की जाती है. तो आइए आपको बताते हैं क्यों की जाती है गणेश जी की सबसे पहले पूजा…

दरअसल, किसी पूजा, आराधना, अनुष्ठान व कार्य में कोई विघ्न-बाधा न आए, इसलिए सर्वप्रथम गणेश-पूजा करके उसकी कृपा प्राप्त की जाती है. इसके पीछे पौराणिक कथा भी है.

एक बार समस्त देवताओं में इस बात पर विवाद उत्पन्न हुआ कि धरती पर किस देवता की पूजा समस्त देवगणों से पहले हो. सभी देवता स्वयं को ही सर्वश्रेष्ठ बताने लगे. तब नारद जी ने इस स्थिति को देखते हुए सभी देवगणों को भगवान शिव की शरण में जाने व उनसे इस प्रश्न का उत्तर बताने की सलाह दी.

जब सभी देवता भगवान शिव के समीप पहुंचे तो उनके मध्य इस झगड़े को देखते हुए भगवान शिव ने इसे सुलझाने की एक योजना सोची. उन्होंने एक प्रतियोगिता आयोजित की. सभी देवगणों को कहा गया कि वे सभी अपने-अपने वाहनों पर बैठकर इस पूरे ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाकर आएं. इस प्रतियोगिता में जो भी सर्वप्रथम ब्रह्माण्ड की परिक्रमा कर उनके पास पहुंचेगा, वही सर्वप्रथम पूजनीय माना जाएगा.

सभी देवता अपने-अपने वाहनों को लेकर परिक्रमा के लिए निकल पड़े. गणेश जी भी इसी प्रतियोगिता का हिस्सा थे. लेकिन, गणेश जी बाकी देवताओं की तरह ब्रह्माण्ड के चक्कर लगाने की जगह अपने माता-पिता शिव-पार्वती की सात परिक्रमा पूर्ण कर उनके सम्मुख हाथ जोड़कर खड़े हो गए.

जब समस्त देवता अपनी अपनी परिक्रमा करके लौटे तब भगवान शिव ने श्री गणेश को प्रतियोगिता का विजयी घोषित कर दिया. सभी देवता यह निर्णय सुनकर अचंभित हो गए और शिव भगवान से इसका कारण पूछने लगे.

तब शिवजी ने उन्हें बताया कि माता-पिता को समस्त ब्रह्माण्ड एवं समस्त लोक में सर्वोच्च स्थान दिया गया है, जो देवताओं व समस्त सृष्टि से भी उच्च माने गए हैं. तब सभी देवता, भगवान शिव के इस निर्णय से सहमत हुए. तभी से गणेश जी को सर्वप्रथम पूज्य माना जाने लगा.

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प्रेषण अवधि

किसी भी सामग्री को अभिमंत्रित करने में 2 दिन का समय लग सकता है, इस वजह से सामग्री आर्डर प्राप्ति से 2 दिन बाद याने तीसरे दिन कोरियर द्वारा भेजी जाएगी एवं उसकी सुचना कोरियर रसीद के साथ आपको मेसेज, व्हाट्सएप्प या कॉल पर देदी जाएगी ।

सामग्री हेतु अस्वीकरण अनुरोध

हमारी तरफ से सामग्रियाँ पूर्णतः शुद्ध और ऊर्जान्वित ( अभिमंत्रित ) करके दी जाती है, उनका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदउपयोग पर निर्भर करता है। 100 में से 99 लोगो को इसका अच्छा परिणाम मिलता है, अपितु किसी 1 को नहीं भी मिल पाता, व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना से इसका उपयोग करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य, एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान की मर्जी किसी काम में नहीं रहती, तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता । हमारी तरफ से सामग्री को ऊर्जान्वित करने में कोई कमी नहीं रहती, व इसका सकारात्मक परिणाम मिलना ना मिलना ये भगवान के हाथ में है, हम केवल भगवान के सेवक मात्र है स्वयं भगवान नहीं, कर्म करना हमारा काम है फल देना भगवान के हाथ में है, कोई भी सामग्री या वस्तु केवल आपकी सहायता मात्र है पूर्णतः सामग्रियों और उपायों के अधीन ना रहें, धन्यवाद।

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