Shwetark Ganeshji akrit ( श्वेतार्क गणेशजी आकृत ) Abhimantrit

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श्वेतार्क गणेश जी .. शास्त्रों में श्वेतार्क के बारे में कहा गया है कि जहाँ कही भी यह पौधा अपने आप उग जाता है, उसके आस पास पुराना धन गडा होता है। जिस घर मे श्वेतार्क की जड़ होगी वहां से दरिद्रता स्वतः ही पलायन कर जाएगी, इसलिए श्वेतार्क का पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा, रक्षक व समृद्धिदाता होता है। सफेद आंक (श्वेतार्क) के गणेश जी का वास होता है, कभी कभी इसकी जड़ गणेश जी के स्वरूप आकृति ले लेती है। इसलिए सफेद आंक या श्वेतार्क की जड़ प्राप्त करे। साधारणतः प्रत्येक जड़ भगवान गणेश की आकृति में नही होती ईसलिये इनकी जड़ पर भगवान गणेश की आकृति बनवाकर घर मे रखना चाहिए। तंत्र बज़ार द्वारा श्वेतार्क की जड़ पर गणेशजी की कलाकृति कर अभिमन्तिरत किया गया है। तंत्र शास्त्र में श्वेतार्क गणेश की पूजा का विधान है। इसकी जड़ कम से कम 27 वर्ष पुरानी हो तो उसमें स्वतः ही गणेश जी की प्रतिमा बनजाती है । श्वेतार्क पर निर्मित गणेश आकृति को नित्य पूजने से व्यक्ति को धन धान्य की प्राप्ति होती है। तंत्र शास्त्रों के अनुसार ऐसे घर मे जहाँ यह प्रतिमा हो, वहाँ रिद्धि सिद्ध ओर माँ अन्नपूर्णा का वास होता है। लक्ष्मी जी का वास् होता है। शत्रुओ से हानि नही होती। इस जड़ को रवि पुष्य नक्षत्र में विशेष मुहूर्त में आमंत्रित करके बुलाया जाता है। ऐसे जड़ पर भगवान गणेश की आकृति बनवाना ओर उसकी नित्य पूजा करने से कोई भी विप्पति जातक को छू नही सकती। मान्यता के अनुसार इस जड़ पर बने गणेशजी के दर्शन मात्र से भूत प्रेत जैसी बाधाए आस पास नही भटकती।

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श्वेतार्क गणेश जी .. शास्त्रों में श्वेतार्क के बारे में कहा गया है कि जहाँ कही भी यह पौधा अपने आप उग जाता है, उसके आस पास पुराना धन गडा होता है। जिस घर मे श्वेतार्क की जड़ होगी वहां से दरिद्रता स्वतः ही पलायन कर जाएगी, इसलिए श्वेतार्क का पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा, रक्षक व समृद्धिदाता होता है। सफेद आंक (श्वेतार्क) के गणेश जी का वास होता है, कभी कभी इसकी जड़ गणेश जी के स्वरूप आकृति ले लेती है। इसलिए सफेद आंक या श्वेतार्क की जड़ प्राप्त करे। साधारणतः प्रत्येक जड़ भगवान गणेश की आकृति में नही होती ईसलिये इनकी जड़ पर भगवान गणेश की आकृति बनवाकर घर मे रखना चाहिए। तंत्र बज़ार द्वारा श्वेतार्क की जड़ पर गणेशजी की कलाकृति कर अभिमन्तिरत किया गया है। तंत्र शास्त्र में श्वेतार्क गणेश की पूजा का विधान है। इसकी जड़ कम से कम 27 वर्ष पुरानी हो तो उसमें स्वतः ही गणेश जी की प्रतिमा बनजाती है । श्वेतार्क पर निर्मित गणेश आकृति को नित्य पूजने से व्यक्ति को धन धान्य की प्राप्ति होती है। तंत्र शास्त्रों के अनुसार ऐसे घर मे जहाँ यह प्रतिमा हो, वहाँ रिद्धि सिद्ध ओर माँ अन्नपूर्णा का वास होता है। लक्ष्मी जी का वास् होता है। शत्रुओ से हानि नही होती। इस जड़ को रवि पुष्य नक्षत्र में विशेष मुहूर्त में आमंत्रित करके बुलाया जाता है। ऐसे जड़ पर भगवान गणेश की आकृति बनवाना ओर उसकी नित्य पूजा करने से कोई भी विप्पति जातक को छू नही सकती। मान्यता के अनुसार इस जड़ पर बने गणेशजी के दर्शन मात्र से भूत प्रेत जैसी बाधाए आस पास नही भटकती।

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Dimensions

2 × 2.5 × 4 cm

उपलब्धता

सफ़ेद आंकड़े की जड़ हर समय उपलब्ध नहीं रहती उपलब्ध होते ही बिक जाती है ,इसके लिया आप समय समय पर उपलब्धता हमारी वेबसाइट के माध्यम से चेक करते रहें।

प्रेषण अवधि

किसी भी सामग्री को अभिमंत्रित करने में 2 दिन का समय लग सकता है, इस वजह से सामग्री आर्डर प्राप्ति से 2 दिन बाद याने तीसरे दिन कोरियर द्वारा भेजी जाएगी एवं उसकी सुचना कोरियर रसीद के साथ आपको मेसेज, व्हाट्सएप्प या कॉल पर देदी जाएगी ।

सामग्री हेतु अस्वीकरण अनुरोध

हमारी तरफ से सामग्रियाँ पूर्णतः शुद्ध और ऊर्जान्वित ( अभिमंत्रित ) करके दी जाती है, उनका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदउपयोग पर निर्भर करता है। 100 में से 99 लोगो को इसका अच्छा परिणाम मिलता है, अपितु किसी 1 को नहीं भी मिल पाता, व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना से इसका उपयोग करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य, एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान की मर्जी किसी काम में नहीं रहती, तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता । हमारी तरफ से सामग्री को ऊर्जान्वित करने में कोई कमी नहीं रहती, व इसका सकारात्मक परिणाम मिलना ना मिलना ये भगवान के हाथ में है, हम केवल भगवान के सेवक मात्र है स्वयं भगवान नहीं, कर्म करना हमारा काम है फल देना भगवान के हाथ में है, कोई भी सामग्री या वस्तु केवल आपकी सहायता मात्र है पूर्णतः सामग्रियों और उपायों के अधीन ना रहें, धन्यवाद।

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